
कुशीनगर। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में बहुत बड़ा बदलाव किया है । योजना में अब महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी, साथ ही वह खुद विभागीय पोर्टल पर आवेदन की भी सुविधा मिलेगी इससे पात्रों को प्रधान, सचिन की जी हजूरी नहीं करनी पड़ेगी । ब्लॉक व जिला मुख्यालय की भी भाग दौड़ भी खत्म हो जाएगी । प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में पहला बदलाव पात्रता को लेकर किया गया है । पहले पात्रता को लेकर किसी प्रकार की बाध्यता नहीं थी। महिला या पुरुष किसी को भी आवास का लाभ दे दिया जाता था । अब केवल महिलाओं के नाम से ही आवास दिया जाएगा । महिला ना होने पर पुरुष को पात्रता सूची में शामिल किया जाएगा इसके अलावा यदि कोई पत्र है तो उसके द्वारा स्वयं आवेदन किए जाने की व्यवस्था लागू की गई है । अब तक पंचायत सचिव के माध्यम से ही आवेदन करने की व्यवस्था थी । प्रधान सचिव के चक्कर में खुद राजनीति करने लगते थे जिसके कारण काफी संख्या में पात्रों का नाम शामिल नहीं किया जाता था। जिससे पात्र आवास के लिए ब्लॉक स्तर से लेकर जिला स्तर तक चक्कर लगाने पर मजबूर होते थे। लेकिन उनको लाभ नहीं मिल पाता था । सरकार ने पात्रो को खुद ही पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन की भी छूट दी है । ऑनलाइन आवेदन के क्रम में सबसे पहले पात्रों के चेहरे का सत्यापन होगा फिर फोटो खींचने के बाद आधार कार्ड अपलोड करने से आवेदन हो जाएगा । जिससे आवेदन कर्ता अपनी स्थिति की जानकारी लेता रहेगा । प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में प्रधान सचिव नहीं कर पाएंगे मनमानी जो पात्र होंगे उनके स्थल पर ही जाकर सचिव को ऑनलाइन आवेदन करना होगा । इसके लिए पोर्टल पर सचिव का चेहरा सत्यापन होगा इसके चलते सचिव किसी दूसरे को भेज कर आवेदन नहीं कर सकेंगे । सचिव के चेहरे के सत्यापन के बाद ही पोर्टल खुलेगा सचिव के न होने पर लेखपाल,कृषि विभाग के कर्मचारी या एडीओ पंचायत के माध्यम से भी पात्रों का चयन करने की छूट दी गई है । पात्रों को आधार भी देने होंगे वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना में लाभार्थियों को तीन किस्तों में 120000 रुपए जारी होते है। सभी किस्त ₹40000 की होती है 12000 शौचालय निर्माण व मनरेगा के तहत 90 दिन की मजदूरी भी अलग से दी जाती है ।